कोरोना ने फिर दिया दस्तक: प्रदेश में चौथी लहर की बारी, स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार

 



कोरोना की चौथी लहर के बढ़ते खतरे के बीच प्रदेश में केस और पॉजिटिविटी दर बढ़ी है, लेकिन ये अभी भी एक प्रतिशत से कम है। स्वास्थ्य विभाग ने पिछले 10 दिनों में संक्रमित हुए मरीजों की ताजा स्थिति का सर्वे भी शुरू कर दिया है। प्रारंभिक नतीजों से राज्य में मिलने वाले संक्रमितों का ट्रेंड का पता चला है। मरीजों की स्थिति सामान्य है। किसी को भी अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है। केस भी एक जगह नहीं मिल रहे हैं अलग-अलग जिलों में इक्का-दुक्का संक्रमित ही सामने आ रहे हैं

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में पिछले सात दिनों में कोरोना के 23 नए मरीज मिले हैं। यानी हर दिन औसतन तीन मरीज मिल रहे हैं। इस बीच एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना संक्रमितों की संख्या धीरे धीरे बढ़ी है, लेकिन राहत की बात है अभी कोई गंभीर मरीज नहीं मिला है। सामान्य तौर पर अभी तो कोरोना के नए मरीज मिल रहे हैं उनमें बुखार, गले में खरास, नाक बहना, बदन दर्द जैसे लक्ष्ण हैं। मरीज घर पर ही इलाज के दौरान स्वस्थ्य हो रहे हैं। 

ये भी अच्छी बात है कि जो केस मिल रहे हैं उनके संपर्क में आने वाले पॉजिटिव नहीं हो रहे हैं। यानी अब तक एक ही जगह और एक ही परिवार के ज्यादा सदस्य पॉजिटिव नहीं मिले हैं।

 अलग अलग जगह से मिल रहे मरीज 

एक जगह से नहीं बल्कि अलग-अलग जगह से मिल रहे हैं। इसी ट्रेंड की समीक्षा के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन सावधानी रखनी जरूरी है। मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कोरोना को फैलने से रोका जा सकता है। विशेषज्ञ भीड़-भाड़ वाले जगहों में जाने से बचने की सलाह भी दे रहे हैं।

तिगुने होंगे तब चिंता
अंबेडकर अस्पताल, क्रिटिकल केयर मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. ओपी.सुंदरानी का कहना है पिछले कुछ दिनों के ट्रेंड से यह पता चलता है कि केस तो मिल रहे हैं लेकिन इनकी संख्या अधिक नहीं है। 

यदि लगातार मरीज मिलते हैं और इनकी संख्या दोगुनी और तिगुनी होती है, तब चिंता की बात होती है। फिलहाल गाइडलाइन का पालन कर कोरोना को कंट्रोल किया जा सकता है।

 कोरोना मरीजों के लिए 24 आईसीयू बेड पहले ही तैयार 
अंबेडकर अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि कोरोना को लेकर तैयारी पूरी है। यहां दो आईसीयू हैं, इनमें 24 बेड हैं। 

यह कोरोना मरीजों के लिए ही है। यदि कोई गंभीर मरीज आता है तो उन्हें तुरंत शिफ्ट किया जा सकता है। मरीजों की संख्या अधिक होने पर आईसीयू की संख्या बढ़ायी जा सकती। इसी तरह एम्स में भी कोरोना मरीजों के लिए करीब 50-60 आईसीयू बेड हैं।

 एक्टिव कर दिया गया है स्टेट कंट्रोल रूम को 

कोरोना की तीसरी लहर के बाद जैसे जैसे मरीजों की संख्या कम होने लगी वैसे वैसे कंट्रोल में अटैच स्टाफ को कम कर दिया गया था। जिलों से केवल रोज के मरीजों की संख्या और संदिग्धों की जांच का आंकड़ा ही लिया जा रहा था। इसी आधार पर रोज रिपोर्ट तैयार की जा रही थी।सरकार की ओर से अलर्ट जारी होने के बाद नवा रायपुर स्थित स्टेट कंट्रोल रूम को फिर पूरी तरह से एक्टिव कर दिया गया है।

अटैचमेंट में फिर एक्सपर्ट और विशेषज्ञों को बुलाया जा रहा है। इसके लिए सभी जिलों के अधिकारियों को भी निर्देश दे दिया गया है कि वे अपने अपने जिले में कंट्रोल रूम को पूरी तरह से सक्रिय करें और विकासखंड स्तर पर मॉनीटरिंग करें।

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