प्रदेश का 33वां जिला, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को नया जिला बनाने की आधिकारिक घोषणा, CM भूपेश बघेल ने कहा
नया जिला बनाने की आधिकारिक घोषणा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार देर शाम खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को नया जिला बनाने की आधिकारिक घोषणा कर दी। यह घोषणा मुख्यमंत्री निवास में हुई, जहां कांग्रेस की नव निर्वाचित विधायक यशोदा वर्मा CM से मिलने पहुंची थी।
कांग्रेस उम्मीदवार की जीत का प्रमाणपत्र देखने के बाद मुख्यमंत्री ने जिला बनाने की घोषणा की। यह प्रदेश का 33वां जिला होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साल्हेवारा को पूर्ण तहसील और जालबांधा को उप तहसील बनाने का भी किया ऐलान किया। मुख्यमंत्री जब यह घोषणा कर रहे थे तब खैरागढ़ क्षेत्र के तमाम लोग मुख्यमंत्री निवास में मौजूद थे। खैरागढ़ उप चुनाव में कांग्रेस ने बकायदा घोषणापत्र जारी कर यह वादा किया था।
विधायक चुने जाने के 24 घंटे के भीतर जिला बनाया
कांग्रेस का वादा था कि विधायक चुने जाने के 24 घंटे के भीतर जिला बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रमाणपत्र मिलने के तीन घंटे के भीतर यह चुनावी वादा पूरा कर दिया। कांग्रेस सरकार अपने तीन साल के कार्यकाल में पांच नए जिले बना चुकी है। इसमें एक गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही पूरी तरह अस्तित्व में आ चुका है,
शेष पांच गठित होने की प्रक्रिया में हैं। इससे पहले प्रेस से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा, खैरागढ़ की जनता निश्चिंत रहे। तय समय पर वादा पूरा होगा।
2018 के चुनाव में खैरागढ़ में हमें केवल 31 हजार वोट
मुख्यमंत्री निवास में प्रेस से चर्चा में CM भूपेश बघेल ने कहा, चुनाव में जिला और तहसील की घोषणा एक मुद्दा हो सकता है, लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं है। अगर ऐसा होता तो रमन सिंह ने अपने 15 साल में 9 जिले बनाए। लेकिन मुंगेली के अलावा हर जिले में हार गए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 2018 के चुनाव में खैरागढ़ में हमें केवल 31 हजार वोट मिले थे।
मुख्य मुकाबला देवव्रत सिंह और कोमल जंघेल के बीच ही था। इस चुनाव में हमें 87 हजार वोट मिले हैं। यानी हार के अंतर को भी कम किया और बड़ी बढ़त भी ली। हमें 57 हजार से अधिक वोटों का फायदा हुआ है। इसका मतलब यह है कि लोगों ने सरकार की योजनाओं को हाथो-हाथ लिया है।
फाइनल भी ऐसा ही होगा
चुनाव में जारी भाजपा के आरोप पत्र को लेकर पूछे गए एक सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भाजपा के उस कथित आरोप पत्र को तो खैरागढ़ की जनता ने नकार दिया है। भाजपा इस चुनाव को 2023 के आम चुनाव का सेमिफाइनल बता रही थी।
नतीजों ने साफ कर दिया है कि भाजपा सेमीफाइनल बुरी तरह हार चुकी है और 2023 का चुनाव परिणाम भी ऐसा ही होने वाला है।
यह कठिन उप चुनाव था
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पिछले तीन सालों में छत्तीसगढ़ में चार विधानसभा उप चुनाव हो चुके। मरवाही और खैरागढ़ अपेक्षाकृत कठिन चुनाव थे। खैरागढ़ में संगठन कमजोर रहा। 1995 से अब तक खैरागढ़ विधानसभा की राजनीति देवव्रत सिंह के इर्दगिर्द घूमती रही। इस वजह से निचले स्तर पर संगठन मजबूत नहीं था। इस बार सभी पदाधिकारियों, मंत्रियों, कार्यकर्ताओं ने पूरी ऊर्जा के साथ उस कमजोरी काे पाटकर नई लकीर खींच दिया है।
रमन सिंह को सर्वाधिक नुकसान
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, खैरागढ़ की इस हार से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को सर्वाधिक नुकसान होगा। उनका राजनीतिक वजूद भी खतरे में है। उन्होंने वहां कहा कि खैरागढ़ की मातृभूमि है, यहां उनके पारिवारिक संबंध हैं। इसके बाद भी लोगों ने उनकी बातों पर भरोसा नहीं किया।
जनता अब भाजपा को समझने लगी है
इस बार के सभी उप चुनावों में भाजपा की हार से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, देश भर में महंगाई बढ़ रही है। पेट्रोल, खाद्य तेल, अनाज, सब्जियां, रेल-बस का किराया। इस पर नियंत्रण की जगह भाजपा साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश में है।
जनता अब भाजपा का यह खेल समझने लगी है। जिन अपेक्षाओं के साथ भाजपा को लोग सत्ता में लाए थे, वे पूरे नहीं हुए। आम लोग निराश हैं। इसका असर चुनाव परिणाम में भी दिख रहा है। कांग्रेस ने उप चुनाव के लिए जारी घोषणापत्र में कहा था कि यदि कांग्रेस उप चुनाव जीतती है तो 24 घंटे के भीतर खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को जिला बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने प्रशासनिक तैयारी भी शुरू कर दी है।