शिवरीनारायण मानन ज्ञान स्पर्धा का समापन, हरिदर्शन मानस मंडली ग्राम चोरिया ने जीती, अलग अनुभाग बनाने की घोषणा, मुख्यमंत्री बघेल ने कहा


Shivrinarayan Manan Knowledge Competition concludes, Haridarshan Manas Mandali village Choriya won, announced the creation of a separate section, Chief Minister Baghel said

गंगा की तर्ज पर हुई आरती में हुए शामिल- गंगा में होने वाली आरती की तर्ज पर महानदी की भी आरती का आयोजन किया गया। महानदी के बावाघाट में आरती के लिए व्यवस्था की गई थी। इस आरती में सीएम श्री बघेल के अलावा अन्य अतिथि भी शामिल हुए।

 राज्य स्तरीय मानस गायन प्रतियोगिता का समापन


               पहले प्रदेश स्तरीय राज्य स्तरीय मानस गायन प्रतियोगिता का समापन रविवार की शाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस अवसर पर सीएम श्री बघेल ने कहा कि समय चाहे कोई भीरहा हो। = महापुरूषों ने हमेशा समाज को जोड़ने का काम किया है। भगवान राम को जब वनवास हुआ और वे वन को निकले तो सबसे पहले उन्होंने मित्रता की। शबरी से मित्रता, सुग्रीव से मित्रता, हनुमान से मित्रता, आदिवासी भाइयों से मित्रता की। शबरी के जूठे बेर खाए, समाज को जोड़ने का काम किया। 

       उन्होंने बिना किसी का नाम लिए विपक्षी पार्टी पर कटाक्ष किया कि आजकल भगवान राम को युद्धक राम के रूप में दिखाया जाता है। भगवान हनुमान का क्रोधित स्वरूप दिखाया जाता है। उन्होंने तल्ख अंदाज में कहा कि समाज को तोड़ने का काम मत करिए, क्योंकि जोड़ना हमारी मूल संस्कृति रही है।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा

            प्रदेश की पहचान केवल कोयला, लोहा, हीरा आदि खनिज से नहीं है। पहले केवल नक्सली राज्य के रूप में छग जाना जाता था, यही इस राज्य की पहचान नहीं है। बलकि इस राज्य की पहचान अलग है। इस राज्य की पहचान हमारी संस्कृति है, हमारी मूल परंपरा है। इसीलिए प्रदेश सरकार छग की संस्कृति, संभ्यता, परंपरा को जीवित रखने का काम कर रही है।

उन्होंने दावा किया कि हमारे प्रदेश के बिना कोई उल्लेख नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि भगवान राम को यहां के लोग प्रिय हैं, क्योंकि वे निश्छल हैं, इसीलिए जब चौदह वर्ष वनवास के लिए निकले तो इस प्रदेश से होकर गुजरे। कार्यक्रम को ग़हमंत्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय निकाय मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने भी संबोधित किया। 

कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह, अध्यक्ष अंजनी तिवारी, उपाध्यक्ष राजेन्द्र यादव, पार्षद मनोज तिवारी, त्यागी जी महाराज, सुखराम दास, कमलेश सिंह, पूर्णेन्द्र तिवारी, अंकित मिश्रा, सुशांत सिंह, पार्षद रीना तिवारी, सीएमओ संध्या वर्मा, निरंजन कश्यप, शिवशंकर सोनी, कृष्ण कुमार भट्ट, बृजेश केशरवानी, निर्मल दास वैष्णव, कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला, एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर का किया लोकार्पण 

मुख्य मंत्री भूपेश बघेल ने रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर का लोकार्पण किया। 90 लाख रुपए की लागत से निर्मित रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर का क्षेत्रफल 6000 स्क्वायर फीट है। इसे 40 बाई 50 फीट के दो हॉल में बांटा गया है। एक हॉल में रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर के साथ ही पर्यटन सूचना केंद्र स्थापित है।

रामायण इंटरप्रिटेशन सेंटर में रामायण कालीन घटनाओं और वनवास काल के दौरान श्री राम के द्वारा पैदल तय किए गए स्थानों के बारे में पेंटिंग्स के जरिए चित्रित जानकारी उपलब्ध कराई गई है। 

इसी भवन में एक 40 बाई 50 स्क्वायर फीट का कैफिटेरिया बनाया गया है ताकि देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को यहां पर बेहतर गुणवत्ता का भोजन उपलब्ध हो सके। इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डॉ भीमराव अंबेडकर की 7 फिट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। 

अलग अनुभाग बनाने की घोषणा

गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत रामसुुंदर दास ने शिवरीनारायण को अलग राजस्व अनुभाग बनाने की मांग सीएम से की थी। उनकी मांग को सीएम ने स्वीकार कर लिया है तथा शिवरीनारायण को अलग अनुभाग बनाने की घोषणा कर दी है। 

सीएम ने खरौद के लक्ष्मणेश्वर मंदिर व शबरी मंदिर का उल्लेख करते हुए उस नगर का भी विकास शिवरीनारायण की तर्ज पर करने की बात कही है। नगर पंचायत अध्यक्ष अंजनी तिवारी की भी मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया है।

हरिदर्शन मानस मंडली ग्राम चोरिया ने जीती राज्य स्तरीय प्रतियोगिता

                 प्रदेश में आयोजित पहली राज्य स्तरीय मानस गायन प्रतियोगिता जिले के ग्राम चोरिया हरिदर्शन मानस मंडली ने जीती की हरिदर्शन मानस मंडली ने जीती। उन्हें मुख्यमंत्री व अन्य अतिथियों ने पहला पुरस्कार 5 लाख रुपए दिए। दूसरा स्थान प्रगति मानस मंडली,रानी, बैकुंठपुर,जिला कोरिया को मिला। 

इस मंडली को तीन लाख रुपए दिए गए। तीसरे स्थान पर बीजापुर की जय बजरंगी मानस मंडली रही। इन्हें 2 लाख रुपए इनाम दिए गए। सभी को गीता प्रेस से प्रकाशित रामचरित मानस की पुस्तक, प्रशस्ति पत्र,श्रीराम की मूर्ति दी गई।


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