भारतीय सेना में सेवाएं तो दी, रिटायर होने के बाद नई पीढ़ी को दिखा रहे राह, राजधानी में पूर्व फौजी सेना में जाने के लिए दे रहे मुफ्त ट्रेनिंग






भारतीय सेना में देश के लिए मर-मिटने की ख्वाहिश करोड़ों युवाओं की होती है। लेकिन सही मार्गदर्शन या अधूरी जानकारी के चलते युवा अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते। ऐसे में आज तीन ऐसे पूर्व फौजियों के जज़्बे की कहानी जिन्होंने भारतीय सेना में सेवाएं तो दी, रिटायर होने के बाद नई पीढ़ी को राह दिखा रहे हैं। 

अगर आप सुबह साढ़े पांच से साढ़े सात बजे के बीच जयश्रीराम चौक सेक्टर 13 कमल विहार पहुंचें तो पाएंगे कि यहां अलग-अलग तीन एज ग्रुप में युवाओं को सेना में भर्ती होने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके पीछे सबसे बड़ा योगदान है पूर्व नायक पन्नालाल सिन्हा का। वे 1988 से 2005 तक सेना में रहे। इस दौरान ओपी रक्षक ऑपरेशन और कारगिल युद्ध में तैनात रहे।


3 बच्चों से की थी शुरुवात अब 165 
सिन्हा ने बताया, रिटायरमेंट के बाद से युवाओं को मार्गदर्शन देता रहा। प्राइवेट नौकरी भी की। पूर्व सैनिक कोटे से अभी मैं फॉरेस्ट में जॉब कर रहा हूं। 15 अगस्त 2020 से मैंने 3 बच्चों से शुरुआत की। ये बच्चे मेरे बेटे के दोस्त थे। इनको मैंने सेना में जाने के लिए प्रेरित किया। यह संख्या बढ़ती गई और अब 165 युवा हो गए हैं। युवाओं की संख्या कम थी तो मैं अकेले ही ट्रेनिंग दिया करता था लेकिन जब ये ज्यादा हुए तो मैंने रिटायर्ड सूबेदार गजमोहनलाल साहू और रिटायर्ड नायब सूबेदार डीपी पटेल को शामिल किया। अब हम तीनों नई पीढ़़ी को नि:शुल्क ट्रेनिंग दे रहे हैं।
ट्रेनिंग की शुरुआत ध्वजारोहण से व समापन राष्ट्रगान से

कैंप में आर्मी, नेवी और एअरफोर्स के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। ट्रेनिंग की शुरुआत ध्वजारोहण से होती है और समापन राष्ट्रगान से। इसमें ऊंची कूद, लंबी कूद, रनिंग, बीम, नाइन फीट जंप, शॉर्ट फूट, गोला फेंक, सिटअप, चिनअप की ट्रेनिंग दी जाती है। 
सिन्हा ने बताया, मैं अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद उपाध्यक्ष भी हूं। इसलिए वहां से दो ट्रेनर लेकर आया । ये इक्प्यूटमेंट जुटाए: चटाई, हाई बीम के लोहा, पुराने टायर, जंप गोला, रस्सा।
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