पति-पत्नी ने आर्थिक तंगी से तंग आकर परिवार ही खत्म, पहले बच्चों को मारा फिर झूले थे फंदे पर, आखिरी बार बहन से बात किया, पहले भी कर चुका था खुदकुशी का प्रयास

 

पति-पत्नी ने आर्थिक तंगी से तंग आकर परिवार ही खत्म, पहले बच्चों को मारा फिर झूले थे फंदे पर, आखिरी बार बहन से बात किया, पहले भी कर चुका था खुदकुशी का प्रयास






 पति-पत्नी ने आर्थिक तंगी से तंग आकर परिवार ही खत्म 

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के एक लॉज में 4 लोगों की लाश मिलने के मामले में बड़ी बात सामने आई है। आशंका है कि पति पत्नी ने पहले 2 बच्चों को जहर देकर मारा था। इसके बाद फंदे पर झूल गए थे। अब परिजनों से पूछताछ में यह पता चला है कि पति-पत्नी ने आर्थिक तंगी से तंग आकर पूरा परिवार ही खत्म कर दिया। 

युवक ने मौत से पहले आखिरी बार अपने बहन से बात किया था। तब उसने कहा था कि अभी हम लोग सो रहे हैं कि बात में बात करेंगे। गुरुवार रात को शहर के बस्तर लॉज में रायपुर के रहने वाले जितेंद्र देवांगन(35), सविता देवांगन(33), केवल उर्फ टुकटुक(7) और मोक्षिता उर्फ गुनगुन(4) की लाश मिली थी। 

रायपुर का रहने वाला परिवार 4 मई को लॉज में आया

मौत के पहले परिवार एक होटल में कुछ खाने के लिए गया था। उसकी तस्वीर भी अब सामने आई है। साथ ही इनके परिजनों से पूछताछ में भी अहम खुलासे हुए हैं। इस केस में बस्तर लॉज के संचालक ने बताया कि रायपुर का रहने वाला परिवार 4 मई को ही उनके लॉज में आया था। 

परिवार के जितेंद्र देवांगन ने कहा था कि वह अपने परिवार के साथ जगदलपुर जा रहा है। वे बाइक से हैं रात हो गई है, इसलिए अब लॉज में ही रुकने चाहते हैं। यही बात सुनकर संचालक ने उन्हें लॉज का कमरा नंबर 9 रहने के लिए दिया था।

 5 मई को शाम तक दरवाजा नहीं खुला तो शक हुआ

संचालक ने बताया कि यहां आने के कुछ देर बाद पति-पत्नी और बच्चे बाहर खाना खाने बाहर गए थे। इसके बाद वह रात 9 बजे वापस कमरे में चले गए थे। मगर दूसरे दिन 5 मई को शाम तक भी दरवाजा नहीं खुला तो हमें शक हुआ था, 

इसलिए हमने खिड़की से चेक करवाया था। तब अंदर कमरे में पति-पत्नी की लाश फंदे पर लटकी मिली थी। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई, तब दरवाजा खोलने पर बच्चों के शव भी मिले थे।

4 मई को रात 9 बजकर 21 मिनट पर अपनी बहन से बात किया

इधर, पूरे घटनाक्रम के बाद परिजनों को भी इस बात की सूचना दी गई थी। खबर लगते ही परिजन शुक्रवार सुबह ही कांकेर पहुंचे और उनकी मौजूदगी में ही शवों को पीएम के लिए भेजा गया। बताया गया कि जैसे ही पुलिस की टीम कमरे के अंदर गई थी। उस दौरान भी सविता के फोन में उसके परिजनों के फोन आ रहे थे। 

वहीं जब पुलिस ने परिजनों से पूछताछ की तो पता चला कि जितेंद्र ने आखिरी बार 4 मई को रात 9 बजकर 21 मिनट पर अपनी बहन से बात किया था। उस दौरान जितेंद्र ने अपनी बहन से कहा था कि हम सो रहे हैं, बाद में बात करेंगे।

खाने के समय ही जहर देने की आशंका

पुलिस जांच में लॉज के कमरे में कहीं भी जहर का डिब्बा या बोतल नहीं मिला है। आशंका है बच्चों को जब भोजन कराने लॉज से बाहर ले जाया गया। उसी दौरान जहर दे दिया गया। इसके बाद उन्हें बिस्तर में लाकर लेटा दिया गया। 

यहीं खुदकुशी करने के पहले साथ में लाए रस्सी को पंखे से बांधा गया। इसके बाद पति के हाथ काे पीछे कर पत्नी ने गमछे से बांधा। इसके बाद पति ने बिना देखे ही पत्नी के हाथ को पीछे से गमछे से बांधा होगा, क्योंकि पति को बांधी गई गठान काफी कड़ी थी जबकि पत्नी के हाथ में बंधी गठान ढ़ीली थी।

पहले भी कर चुका था खुदकुशी का प्रयास

इस मामले में पु्लि्स जितेंद्र के भाई प्रवीण देवांगन से भी बात की है। प्रवीण ने बताया कि उसका भाई कर्ज से परेशान था। उसने कुछ साल पहले एक प्लाट लिया है, जिसके लिए कर्ज लिया था। इसके बाद लॉकडाउन लगने पर उसकी नौकरी छूट गई। बेरोजगार होने से कर्ज का बोझ उस पर बढ़ता गया। उसने साल 2021 दिवाली के दौरान घर पर ही खुदकुशी करने काेशिश की थी। 

इस दौरान छोटे भाई ने उसे तीन लाख कर्ज अदा करने दिया था। उसने कर्ज अदा नहीं कर कहीं और खर्च कर दिया। इसके बाद मिल्क पार्लर चलाकर परिवार को पाल रहा था। भाई के अनुसार कर्ज देने वाले के फोन आने के दबाव में उसके भाई ने परिवार समेत खुदकुशी कर ली।

टीआई शरद दुबे ने कहा लॉज के एक कमरे से पति पत्नी समेत बच्चों का शव बरामद किया गया है। पति पत्नी की लाश फंदे में लटकी हुई थी। बच्चों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। सभी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा। मामले की सभी एंगल से जांच की जा रही है।


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