छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा ग्रामीणों ने कहा - रोड नहीं, तो वोट नहीं, विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बहिष्कार किया, कारण आजादी को 75 साल हो गए लेकिन गांव के लिए सड़क नहीं






छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांप में ग्रामीणों ने त्रिस्तरी पंचायत उप चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। उप चुनाव के लिए मंगलवार सुबह से वोट डाले जा रहे हैं, लेकिन यहां बूथ पर सन्नाटा है। आरोप है कि आजादी के बाद से अभी तक गांव में सड़क ही नहीं बनी है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं बनाई गई। 

अब ग्रामीणों ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का भी ऐलान कर दिया है। सूचना मिलने पर पहुंचे तहसीलदार बजरंग साहू समझाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नहीं हैं।

दरअसल, सारा मामला पामगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत खोखरी के गांव रीवापार का है। यहां सरपंच पद के लिए मंगलवार को मतदान होना है। इसके लिए प्रशासन ने शासकीय प्राथमिक शाला में बूथ बनाया है। सारे इंतजाम भी किए गए हैं, लेकिन सुबह से कोई मतदान करने ही नहीं पहुंचा। ग्रामीणों का आरोप है कि आजादी के 75 साल बीत गए, लेकिन उनके गांव में अब तक पक्की सड़क नहीं बनी। वो इसके लिए सैकड़ों बार शासन-प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, पर समस्या हर बार अनसुनी कर दी गई।


3 साल पहले सड़क निर्माण के आदेश दिए थे - हाईकोर्ट ने 

इस मामले में रोशन कुमार सिंह ने अधिवक्ता सुमित सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। साल 2019 में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि पामगढ़ क्षेत्र के स्टेट हाईवे से महज 4 किलोमीटर दूर बसे ग्राम रीवापार आजादी के बाद से पहुंच विहीन है। 

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लागू होने के बाद भी गांव के लिए सड़क का निर्माण नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन को गांव के लिए पहुंच मार्ग बनाने का आदेश दिया था।

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 ग्राम पंचायत में 2600 मतदाता हैं

खोखरी ग्राम पंचायत में 2600 मतदाता हैं। इनमें 600 मतदाता रीवापार व में हैं। पंचायत उप चुनाव में सरपंच पद के लिए तीन प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं, लेकिन वोट अब तक एक भी नहीं पड़ा है। ग्रामीण बूथ तक जाने को तैयार ही नहीं है। हाथों में पोस्टर लिख सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण प्रदर्शन भी कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि राहौद से रीवापारतक सड़क का डामरीकरण नहीं होगा, मतदान भी नहीं किया जाएगा। वे किसी भी चुनाव में सहभागिता नहीं निभाएंगे। उसका बहिष्कार जारी रहेगा।

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