6 माह पहले नर्सिंग होम एक्ट का आवेदन करने के लिए नोटिस भेजा, सिर्फ 87 आवेदन ही प्राप्त, 67 संस्थानों का निरीक्षण, 3 लाइसेंस रद्द किये
जिले में 102 स्वास्थ्य संस्थान संचालित हो रहे हैं। जिन्हें स्वास्थ्य अधिकारियों ने 6 माह पहले नर्सिंग होम एक्ट का आवेदन करने के लिए नोटिस भेजा। इनमें भी सिर्फ 87 आवेदन ही प्राप्त हुए। अधिकारियों ने 67 संस्थानों का निरीक्षण किया और मानकों के अनुरूप मिलने पर 55 को लाइसेंस भी जारी किया गया है। अब बाकी 35 अस्पतालों की स्थिति की जानकारी नहीं ली जा रही। स्वास्थ्य विभाग ने 35 में सिर्फ नौ अस्पतालों को नोटिस भेजा है, जबकि तीन का लाइसेंस निरस्त किया गया है।
कई नियमो का पालन नहीं
बाकी अस्पताल नियम तोड़ते धड़ल्ले से संचालित हैं। । फिर भी उनके संचालक स्वास्थ्य विभाग को अपने यहां डॉक्टर स्टाफ की जानकारी देने तैयार नहीं है। इन्होंने जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर भी नियमों का पालन नहीं किया है। इसके अलावा कुछ अस्पताल अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र भी जमा करने को तैयार नहीं है।
फिर भी उन्हें बंद करने की कार्रवाई नहीं की गई है। कुछ महीने पहले जिन अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त किया गया है उनमें भी इसी तरह की कमियां मिली थी, जिसके बाद कार्रवाई की गई। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं।
संस्थान स्वास्थ्य विभाग की बातो को अनदेखा कर रहे
सीएमएचओ ने अपने पत्र में लिखा कि नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर, डेंटल और होम्योपैथी, आयुर्वेदिक और एलोपैथिक सभी क्लीनिक जिनकी वैधता तिथि समाप्त हो चुकी है। वे सात दिन के अंदर अपने लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर दें। नहीं समय-सीमा निकल जाने के बाद किसी के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा।
डाॅक्टरों का ड्यूटी रोस्टर और कर्मचारियेां की जानकारी देने को तैयार नहीं
स्वास्थ्य विभाग ने हर बार की तरह इस बार भी नर्सिंग होम एक्ट के लिए अस्पतालों का जायजा लिया है। जो अस्पताल इस एक्ट के दायरे में नहीं आ रहे उनमें बहतराई रोड पर बना प्रथम अस्पताल, सरकंडा में आराध्य अस्पताल, डॉ. राहलकर इंडोस्कॉपी सर्जिकल, मांओ डेंटल क्लीनिक, डॉ. मोटवानी क्लीनिक, तृप्ति हॉस्पिटल, साईं ऑर्थो अस्पताल, जुनेजा आई क्लीनिक और स्काई अस्पताल शामिल हैं।
यही अस्पताल स्वास्थ्य अधिकारियों को नियमों के हिसाब से डाॅक्टरों का ड्यूटी रोस्टर और कर्मचारियेां की जानकारी देने को तैयार नहीं है। फिर भी सारे अस्पताल धड़ल्ले से चल रहे हैं।
इसी वजह से इन तीन अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त
जिन तीन अस्पतालों का लाइसेंस निरस्त किया गया है उनमें दयावती अस्पताल, हेल्थ केयर अस्पताल और जागृति पैथोलैब शामिल है। यहां ही मापदंडों के अनुरूप डॉक्टर, स्टाफ की व्यवस्थाएं नहीं थी। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजे जा रहे नोटिस के बावजूद वे क्लीनिक संचालित कर रहे थे।
दयावती अस्पताल को तो बंद करने का नोटिस कब से जारी किया जा चुका था, फिर भी वह संचालित था। जिसके बाद विभागीय अधिकारियों ने इसे मौके पर पहुंचकर सील किया और क्लीनिक पूरी तरह बंद करवाया गया।
अस्पताल बंद करवा रहे जो स्वास्थ्य विभाग के नियमों का पालन नहीं करेंगे