पढाई के बजाय बच्चे कर रहे सफाई, 120 दिनों से हड़ताल पर हैं सफाई कर्मी, छोटे बच्चे टॉयलेट और बड़े बच्चे जाले साफ कर रहे

 







छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ाई करने पहुंच रहे हैं। मगर उनके दिन की शुरुआत सफाई के साथ हो रही है। किसी के हाथ में झाड़ू है तो किसी के हाथ में झाड़ियों से बना झाड़ू, जो हाथ किताब के पन्ने पलटने वाले थे, वो हाथ धूल और कचरा सरका रहे हैं।



छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के केंवछि गांव का एक सरकारी स्कूल है, जहां बच्चे टॉयलेट साफ कर रहे हैं । एक बच्चा कमोड में पानी डाल रहा है तो दूसरा छोटा बच्चा टॉयलेट क्लीनर ब्रश से कमोड रगड़ रहा है।जांजगीर और कवर्धा के स्कूलों में भी बच्चे क्लास रूम में झाड़ू लगाते , मकड़ियों के जाल साफ करते दिखाई दे रहे हैं। इस तरह की कई तस्वीरें और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं।


बात दरअसल ऐसी है 

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पिछले 120 दिनों से स्कूल के सफाई कर्मी धरने पर बैठे हुए हैं। उन्होंने हड़ताल कर दी है । अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी संगठन की तरफ से मांग की गई है कि इन्हें नियमित किया जाए। कार्य के बदले सिर्फ 2300 रुपए मिलते हैं और स्कूल में सफाई के अलावा इनसे तरह- तरह के काम करवाए जाते हैं।


बूढ़ा तालाब में जल समाधि ली

शुक्रवार को इन कर्मचारियों ने बूढ़ा तालाब में डुबकी लगाकर जल समाधि भी ली। कहने लगे कि जब तक नियमित कि नहीं किया जाएगा हड़ताल बंद नहीं करेंगे । इससे पहले लगभग 43000 सफाई कर्मी अपना विरोध जताने के तहत अपना सामूहिक इस्तीफा प्रशासन को सौंप चुके हैं । सफाई कर्मचारी और प्रशासन के बीच चल रही खींचतान के बीच स्कूली बच्चे पीस रहे हैं।

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