Rahul Sahu Janjgir-Champa Borewell Rescue Operation Complete Janjgir Champa Rahul In Borewell Story, Janjgir Champa Live News, राहुल जांजगीर-चांपा बोरवेल रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा, देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू
Rahul Sahu Janjgir-Champa Borewell Rescue
Operation Complete
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में एक बच्चे को बचाने के लिए देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन लॉन्च किया गया। 103 घंटे से भी ज्यादा चले इस ऑपरेशन में 4 IAS, 2 IPS, NDRF और सेना के जवान सहित 500 अफसर-कर्मचारी शामिल रहे।
इन सबका बस एक ही मकसद था...सेव राहुल यानी 10 साल के बच्चे राहुल को बचाना है। इससे पहले देश में किसी बच्चे के लिए इतना लंबे समय और संसाधन के साथ कोई रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं हुआ। 5 दिन चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में क्या हुआ इसे सिलसिलेवार देखिए और पढ़िए..
ऑपरेशन राहुल 10 जून
दोपहर 2 बजे : राहुल खेलते हुए खुले छोड़े गए बोरवेल में गिरा
शाम 4 बजे : परिजनों को पता चला तो पुलिस को सूचना दी शाम 4.15 बजे : डायल-112 की टीम मालखरौदा के पिहरीद पहुंची
शाम 5 बजे : रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ, बच्चे को ऑक्सीजन पहुंचाई गई
ऑपरेशन राहुल 10 जून
रात 8 बजे : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देशन की कमान संभाली
रात 8.30 बजे : कलेक्टर, SP सहित प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। इसमें IAS, IPS सहित 500 कर्मचारी शामिल
रात 10 बजे : SDRF की टीम पहुंची। साथ ही NDRF को भी बुलाया गया
रात 1 बजे : बच्चे का 4 घंटे तक मूवमेंट बंद रहा
ऑपरेशन राहुल 11 जून
सुबह 5 बजे : NDRF की टीम पहुंची।
सुबह 7 बजे : 20 फीट तक खुदाई कर दी थी। माना जा रहा था कि रेस्क्यू हो जाएगा।
सुबह 9 बजे : बच्चे को नाश्ता, फल और ओआरएस का घोल फ्रूटी के डिब्बे में दिया गया
सुबह 11 बजे : मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉल कर रेस्क्यू ● ऑपरेशन की जानकारी ली
ऑपरेशन राहुल 12 जून
सुबह 5 बजे : सुरंग बनाने का काम शुरू हुआ
सुबह 10 बजे : गुजरात से रोबोटिक्स इंजीनियर महेश अहीर मौके पर पहुंचे
सुबह 10.30 बजे : रोबोट उतारा गया। उसने 20 मिनट
दोपहर 1.30 बजे : रोबोट को फिर उतारा गया, पर सफल नहीं हो सका
रात 8 बजे : टनल बनाने के लिए चिन्हांकन किया गया, JCB उतारी गई
ऑपरेशन राहुल 13 जून
दोपहर 2.30 बजे : जमीन का जलस्तर कम करने के लिए गांव के सभी बोर चलवाए गए और स्टाप डैम के गेट खोले गए।
शाम 5.35 बजे : मुख्यमंत्री बघेल ने बिलासपुर अपोलो तक ग्रीन कॉरिडोर बनाने के निर्देश दिए।
रात 10 बजे: मेडिकल •टीम को अलर्ट किया गया। टनल से मिट्टी निकाली गई।
ऑपरेशन राहुल 14 जून
सुबह 6 बजे : टनल बनने के •बाद ऊपर खुदाई शुरू की गई। इसके लिए मशीन से ड्रिल किया गया।
सुबह 10 बजे: राहुल की सही लोकेशन ट्रेस करने के लिए VLC ( विक्टिम लोकेशन कैमरा ) का इस्तेमाल किया गया।
सुबह 11 बजे : ऊपर की जा रही • खुदाई का एंगल बदला गया।
दोपहर 12.30 बजे : कलेक्टर ने कहा टनल में लाइम स्टोन काटकर रास्ता बना रहे। दो फीट की दूरी पर राहुल
ऑपरेशन राहुल 14 जून
दोपहर 3.40 बजे: राहुल की रेस्क्यू करने की कमान सेना ने अपने हाथ में ली
शाम 6 बजे : राहुल के माता • पिता को प्रशासन की टीम एंबुलेंस में ले गई
रात 8 बजे : एक बार फिर हचलत बढ़ी। राहुल के बाहर आने को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट हुई
रात 9.30 बजे: राहुल के इशारे से खाना मांगने पर दिया गया, पर उसका मूवमेंट कम
रात 11.59 बजे : राहुल को सुरक्षित बाहर निकाला गया और एंबुलेंस से बिलासपुर के अस्पताल भेजा गया
इसलिए सबसे बड़ा ऑपरेशन कह रहे...
- सबसे बड़ा और मुश्किल इसलिए भी कि क्योंकि राहुल न बोल सकता है और न ही सुन सकता है। वह मानसिक रूप से कमजोर भी है।
- इससे पहले हरियाणा के कुरूक्षेत्र में 21 जुलाई 2006 को ऐसे ही 50 फीट के बोरवेल में फंसे 5 साल के प्रिंस को बचाने के लिए 50 घंटे ऑपरेशन चला।
- उसे सुरंग बनाकर 23 जुलाई को सुरक्षित निकाल लिया गया था।