10 हजार धागे-20 हजार स्टोन से बनी गणेशजी की प्रतिमा, अयोध्या के श्रीराम का दिया रूप, गणेश की प्रतिमा लोगों को आकर्षित CG TODAY NEWS
छत्तीसगढ़ में गणेशोत्सव की धूम
कोरोना संक्रमण के चलते दो साल बाद फिर छत्तीसगढ़ में गणेशोत्सव की धूम मचेगी। इसके लिए हर जगह तैयारियां चल रही है। बिलासपुर के मूर्तिकार सुजीत सूत्रधर ने विशेष डिमांड पर सुई-धागों और स्टोन से गणेश जी की प्रतिमा बनाई है
15 फीट से अधिक ऊंची गणेश की प्रतिमा
जो शहर में आकर्षण का केंद्र बनने वाली है। इसे तोरवा के सिंधी मोहल्ला में स्थापित किया जाएगा वैसे तो सुजीत हर साल गणेश प्रतिमा बनाने में अपनी कलाकारी को नया रूप देने का प्रयास करते हैं। इस बार उन्होंने 15 फीट से अधिक ऊंची गणेश की प्रतिमा बनाई है
जिसे मुंबई के लाल बाग का राजा के थीम पर निर्मित किया गया है। ऐसे ही उन्होंने बोल बम कांवड़ यात्रा, पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देते हुए पेड़ से निकले गणेश की प्रतिमा को आकार दिया है। शहर में आकर्षक पंडाल सजाए जा रहे हैं। लोगों को आकर्षित करने के लिए गणेश आयोजन समिति अलग-अलग थीम पर पंडाल बनवा रही हैं।
गणेश की प्रतिमा लोगों को आकर्षित
ऐसे में शहर के मूर्तिकार सुजीत सूत्रधर से बातचीत की। सुजीत शहर में अलग-अलग स्थापित होने वाली मूर्तियां ऑन डिमांड बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए सर्कस देखते और पाप कार्न खाते हुए गणेश की मूर्ति आर्डर पर तैयार किया है। इसके साथ ही होली खेलते हुए गणेश, बोल बम कावड़ यात्रा पर निकले मूशकों के साथ गणेश की प्रतिमा लोगों को आकर्षित कर रही है।
यदुनंदन नगर में स्थापित होंगे लाल बाग के राजा गणेश
तिफरा के यदुनंदन नगर में 15 फीट से ऊंची गणेश की प्रतिमा बनाई गई है, जिसे मुंबई के लाल बाग के राजा का थीम दिया गया है। उसी तर्ज पर यहां पंडाल बनाया जा रहा है। गणराज धर गणेशोत्सव समिति के प्रशांत पाटनवार ने बताया कि पिछले 21 साल से गणेशोत्सव मना रहे हैं। कोरोना के दो साल बाद तिफरा में गणेशोत्सव की धूम रहेगी।
अयोध्या के श्रीराम का दिया रूप
यहां गणेश जी को अयोध्या के श्रीराम के आकार का रूप दिया गया है। इसे गणेशोत्वस समिति के पदाधिकारियों की विशेष डिमांड पर बनाया गया है। गणेशोत्सव समिति यहां श्रीराम का दरबार भी सजाएंगे। इसके लिए आकर्षक पंडाल तैयार किया जा रहा है।
5 हजार से लेकर 75 हजार रुपए तक है कीमत
मूर्तिकार सुजीत सूत्रधर ने बताया कि उनके पास सबसे कम पांच हजार रुपए और सबसे अधिक 75 हजार रुपए कीमत तक की मूर्ति है। ज्यादातर मूर्ति उन्होंने समितियों के आर्डर पर तैयार की हैं।