माँ की पैरो में बच्चे के जीवन की सांस, बच्चे के इलाज में बिका घर और जमीन, CM भूपेश बघेल ने बच्चे के इलाज के लिए किया मदद ऐलान

 

माँ की पैरो में बच्चे के जीवन की सांस, बच्चे के इलाज  में बिका घर और जमीन, CM भूपेश बघेल ने बच्चे के इलाज के लिए किया मदद ऐलान





माँ की पैरो में बच्चे की सांस 

13 महीने का हर्ष अपनी बीमारियों की वजह से सांस नहीं ले पाता। गले में सर्जिकल छेद से उसे ऑक्सीजन मां फुटपंप से देती है। ऐसी मेडिकल कंडीशन के लिए कुछ खास मशीनें आती हैं जो डहरे परिवार खरीद नहीं सकता। इसलिए हवा भरने वाले पंप से बच्चे को मां सांसें देती है। पाइप जब गले के भीतर जाता है नन्हा हर्ष रोने लगता है उसका हाल देख मां भी रोती है। मगर उन्हीं आंसूओं को हौसला बनाकर कोशिश करती है बच्चे को जिंदगी दे सके।


CM भूपेश बघेल ने बच्चे के इलाज के लिए किया मदद ऐलान 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मासूम हर्ष के इलाज के लिए हर मुमकिन मदद का ऐलान किया है। सीएम ने इसके लिए कलेक्टर को निर्देश जारी कर दिए हैं। हर्ष को रायपुर के सरकारी मॉडल अस्पताल में भर्ती किया गया है। 13 महीने का हर्ष इलाज के अभाव में परिजनों के साथ रायपुर एम्स के बाहर फुटपाथ पर रहने को मजबूर है। कवर्धा से आए 13 महीने के बच्चे को पांच महीने से मां फुटपंप से सांसें दे रही थी। बच्चे को ब्रेन ट्यूमर है और वो नाक से सांस नहीं ले सकता। अब कैंसर ने इसे घेर रखा है।


बच्चे के इलाज के लिए बेचा जमीन-जजात

इलाज के लिए माता-पिता ने घर और जमीन बेच दी और अब एम्स के बाहर ही फुटपाथ पर रहकर बच्चे का इलाज करा रहे हैं। इस खबर को दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से दिखाया। जिसके बाद जिम्मेदारों तक बात पहुंची। अब प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले में मदद के निर्देश दिए हैं। राज्य शासन की तरफ से आधिकारिक तौर पर जानकारी देते हुए बताया गया कि हर्ष और उसके परिवार को हर सम्भव सहायता के प्रयास किए जा रहे हैं। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर ब्रेन ट्यूमर के ऑपरेशन के बाद कीमोथेरेपी के लिए हर्ष को ज़िला प्रशासन की ओर से हर सम्भव मदद दी जाएगी। मीडिया के जरिए हर्ष की बीमारी और उसके माता-पिता की बदहाल स्थिति की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर को निर्देशित किया।


कलेक्टर ने तत्काल हर्ष और उसके माता-पिता को मदद देने दिया निर्देश

इसके बाद कलेक्टर ने सीएमएचओ डॉ मिथिलेश चौधरी और नगर निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी को परिजनों से मिलने भेजा। दोनों अधिकारियों ने हर्ष के पिता बालकराम डहरे से पूरे मामले की जानकारी ली और कलेक्टर को पूरी जानकारी दी। इसके बाद कलेक्टर ने तत्काल हर्ष और उसके माता-पिता को हर सम्भव मदद देने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। अब उनके रहने का उचित इंतजाम किए जा रहे हैं।


एम्स प्रबंधन ने अपनी तरफ से लिखा पत्र 

 इसमें एम्स प्रबंधन ने अपनी तरफ से लिखा कि बच्चे के ब्रेन ट्यूमर का उपचार करने के बाद उसके कैंसर की कीमोथेरेपी की जा रही है । बच्चे के अभिभावक एम्स के इलाज से संतुष्ट हैं। बच्चा जल्द ठीक हो सके इसके लिए एम्स के चिकित्सक काम कर रहे हैं। 




अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है । इस संबंध में एम्स द्वारा राज्य सरकार और जनप्रतिनिधियों के साथ ही अन्य स्त्रोतों से उन्हें सहायता प्रदान करने के विकल्पों पर कार्य किया जा रहा है।





बालक दास की थोड़ी सी मदद आप भी कर सकते हैं 

बालक दास के यूपीआई क्यूआर कोड कोड को स्कैन कर मदद भेजी जा सकती है,

 उनके नंबर 8720045676 पर संपर्क किया जा सकता है।

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