राज्य का सबसे बड़ा चावल घोटाला, 2017 से अब तक छ.ग. में 125 करोड़ का घपला, राशन दुकानों द्वारा चावल बाजार में बेचा






 राज्य का सबसे बड़ा चावल घोटालाः


राज्य का सबसे बड़ा चावल घोटालाः राज्य बनने के बाद अब तक का सबसे बड़ा चावल का फर्जीवाड़ा सामने आया है। राज्यभर की करीब 13415 राशन दुकानों से पांच साल में 12.50 लाख टन से ज्यादा चावल खुले बाजार में बेचा गया है। इसकी कीमत 125 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। 

छह महीने में कई तरह के खुलासों के बाद ईओडब्लू ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में ही यह बात आ गई है कि 2017 से 2022 तक सरकारी राशन दुकानों से चावल खुले बाजार में बेचा गया है।

इस घपले में खाद्य विभाग, नान, जिले के खाद्य अमले के साथ-साथ राशन दुकानदारों की भी भूमिका सामने आ रही है। इस गोलमाल के खुलासे के बाद मुंगेली के जिला सहायक खाद्य अधिकारी (एएफओ) को निलंबित करने के साथ कार्रवाई की शुरुआत हुई है। 


100 से ज्यादा राशन दुकानदारों को नोटिस

 करीब 50 फूड इंस्पेक्टरों को नोटिस दिया जाने वाला है। राशन दुकानों में बचे चावल का यह गोलमाल 2017 से शुरू हुआ। खुलासा तब हुआ जब केंद्र सरकार ने 30 सिंतबर 2022 को एक आदेश जारी कर कहा कि केंद्र सरकार से अब तक जितना चावल मिला है उसके स्टॉक का भौतिक सत्यापन किया जाए और स्टाक पुणे के मेन सर्वर में अपडेट किया जाए। 

चूंकि केंद्र सरकार कोरोना काल के समय से ही फ्री चावल दे रही है और अभी अक्टूबर-नवंबर में भी 15-15 किलो चावल फ्री दिया गया है, इसलिए वहीं से भौतिक सत्यापन के निर्देश आए।


हर महीने नया स्टाॅक

केंद्र को जानकारी देने के लिए राशन दुकानों की जांच की गई, तभी पता चला कि पिछले 5 साल से दुकानों में चावल बच रहा है, उसे बेचा जा रहा है लेकिन बचत चावल का हिसाब रखने के बजाय खाद्य विभाग इन दुकानों को हर महीने नया स्टाॅक दे रहा है। यह बात भी सामने आई किसबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, रायपुर, मुंगेली, बलौदाबाजार, दुर्ग और राजनांदगांव की राशन दुकानों में किया गया है।

गड़बड़ी न दिखे, इसलिए आम लोगों पर लगाया बैन : खाद्य विभाग ने अपने पोर्टल में व्यवस्था बनाई थी कि किस क्षेत्र की राशन दुकान में कितना स्टाॅक है, उसे आम लोग देख सकते हैं। इसे हटा दिया गया है। अब फूड इंस्पेक्टर की स्टाॅक देख सकते हैं। माना जा रहा है कि लोगों को बचत पता न चले, इसलिए ऐसा किया गया।


200 क्विंटल चावल ओवर स्टॉक 

राज्यभर में 12 हजार से ज्यादा राशन दुकानें हैं। इन्हें हर महीने करीब 28.76 लाख टन चावल आवंटन किया जाता है। पांच साल की जांच में पता चला कि हर महीने राशन दुकानों में औसतन 200 क्विंटल चावल बचता है, यानी शत-प्रतिशत लोग चावल लेने नहीं आते हैं। इस तरह, हर महीने 24 लाख क्विंटल चावल राशन दुकानों में बचकर बाजार में जा रहा है।


कैसे हुआ खुलासा ..?

    केंद्र ने अपने चावल की जानकारी मांगी 2017 से अब तक राशन दुकानों में चावल बचता रहा, फिर भी देते रहे नया स्टॉक रायपुर की केवल एक राशन दुकान से 76.50 लाख का फर्जीवाड़ा, दुकान निलंबित केंद्र की सख्ती की बाद जिलों से स्टॉक की जानकारी मंगाई, अफसर नहीं भेज रहे चावल स्टॉक के मामले में मुंगेली जिला सहायक खाद्य अधिकारी को किया निलंबितमुंगेली के एएफओ इसी में सस्पेंड, 50 फूड इंस्पेक्टर भी जांच के घेरे में जिन दुकानों के स्टॉक में ज्यादा फर्क, वे बाजार से वापस खरीद रहे चावल


लगभग सभी जिलों के खाद्य अधिकारियों की चावल स्टॉक में गड़बड़ी

ईओडब्लू ने इस ओवर स्टॉक चावल घोटाले की जांच लगभग पूरी कर ली है। जांच में यह बात सामने आई कि प्रदेश में लगभग सभी जिलों के खाद्य अधिकारियों की चावल स्टॉक की गड़बड़ी में भूमिका है। इस मामले में जल्द ही ईओडब्लू बड़ी कार्रवाई करने वाला है।


दुकान-गोदामों की क्षमता से 10 गुना स्टाॅक बताया

भास्कर टीम के पास प्रमाण हैं कि जो राशन दुकानें महज 15 फीट बाई 15 फीट यानी सवा 2 सौ वर्गफीट की हैं, वहां चावल का बचत स्टॉक डेढ़ हजार क्विंटल तक दिखा दिया गया। जबकि इतने चावल की बोरियां कम से कम ढाई हजार वर्गफीट गोदाम में ही रख सकते थे।


एक दुकान से सबसे बड़ी गड़बड़ी तो और से 

रायपुर की राशन दुकानों में भी ओवर स्टॉक का जमकर खेल हुआ। जांच में राजातालाब की केवल एक राशन दुकान से 76.50 लाख के चावल की गड़बड़ी सामने आई है। अध्यक्ष का कोरोना में निधन हो गया था। दुकान सेल्समैन चला रहा था। इस दुकान के स्टॉक जांचा गया तो चावल स्टॉक से 1700 क्विंटल कम मिला। सारी जानकारियां मिलाने के बाद यह बात आई कि इस दुकान से 76.50 लाख रुपए का चावल बाजार में बेचा जा चुका है। एक दुकान से यह अब तक की सबसे बड़ी गड़बड़ी है। हालांकि रायपुर जिले की 587 में 220 राशन दुकानों यानी हर दूसरी दुकान में चावल का ओवर स्टॉक ऑनलाइन दिख रहा है।


प्रदेश में 63 लाख से ज्यादा परिवारों को निशुल्क राशन दे रहे हैं। 2017 से अब तक का स्टाॅक मिलान करवा रहे हैं। जो भी दोषी मिलेगा, उस पर कार्रवाई करेंगे। हालांकि जांच के दौरान चावल वितरण प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।

30 नवंबर तक सभी जिलों से राशन दुकानों में बाकी चावल का हिसाब मांगा गया था। जहां ओवर स्टॉक चावल बेचा गया है, वहां कार्रवाई भी की जा रही है। जांच में जो जानकारी आ रही है, उसके अनुसार ही कार्रवाई हो रही है।

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